Thursday, February 21, 2008

लाल गेहू के भूत ने कांग्रेस को घेरा

भारत सरकार द्वारा अलग अलग योजनाओ के तहत ग्रामीणों को दिए जाने वाले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दिए जाने वाले लाल गेहू का भूत कांग्रेस का पीछा ही नही छोड़ रहा । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले भोपाल मे एफ सी आई के गोदाम पेर छापा मार कर मीडिया के सामने केन्द्र सरकार पर निशाना साधकर आरोप लगाया था की गरीबो को जो लाल गेहू दिया जा रहा है वह खाने योग्य नही है । सुरेश पचौरी प्रदेश कांग्रेस बनकर भोपाल पहुचे तो उनोहने पलट वार किया की चौहान ग़लत बोल रहे है । लेकिन २१ फेरबरी को केंद्रीय सूखा राहत दल ग्वालियर के गाँव मे nईरिक्षण करने पंहुचा तो गाँववालो ने लाल गेहू मिलने की शिकायत की .पहले तो दल के सदस्यों ने इस बात को ग़लत माना लेकिन जब गाँव वालो ने गोदाम मे जाकर वह घटिया लाल गेहू उन्हें दिखा दिया तो बेचारे अफसर निरुतर हो गए। चुनाव के साल मे यह लाल गेहू कही कांग्रेस के लिए मुसीबत न बन जाए ।

Monday, February 18, 2008

ग्वालियर में तीन नए अखबार

ग्वालियर में तीन नए अखबारों के शुरू होने की सुगवुगाहट है! एक अखबार तो भोपाल बेस्ड " राज एक्सप्रेस " जल्द ही ग्वालियर से शुरू होने वाला है! यूँ उसका ग्वालियर संस्करण छप ही रहा है ! दो और दैनिक अखबार रियल स्टेट में पैसा कमा चुके कुछ नव कुबेर शुरू करने वाले हैं ! पत्रकार जगत में खूब चर्चा है कि कौन - कौन कहाँ जा रहा है !

ग्वालियर में जन्मे पत्रकार ध्यान दे!

ग्वालियर विकास प्राधिकरण, ग्वालियर में पत्रकार कालोनी विकसित कर रही है! न्यू सिटी सेंटर में प्रस्तावित इस कालोनी में तय प्लोट्स में से दस प्रतिशत ऐसे पत्रकारों के लिए आरक्षित किया गया है जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की यात्रा ग्वालियर में शुरू की लेकिन आज देश में अन्यत्र कार्यरत है ! शर्त ये कि उन्होंने पहले कभी ऐसी योजना का लाभ नहीं लिया है ! पंजीयन चल रहा है ! जल्दी करें !

Tuesday, February 12, 2008

एक पत्रकार अभी जीवित है !

पत्रकार - मीडियाकर्मी और नेताओं के बीच के रिश्ते पर एक भयानक त्रासदी है ! जब पत्रकार भ्रष्ट नेता के भ्रष्टाचार की पोल खोलता है तो ! नेता यह बात दबाने के लिए पहले पैसा फेंकता है ! धमकाता है ! नौकरी से निकलवाता है! यदि ये प्रयास सफल नही हुए तो फिर उत्तराखंड के युवा पत्रकार स्व डोभाल की तरह उसे मौत के घाट उतरवाता है ! इसके ख़िलाफ़ साथी पत्रकार पहले एकजुट होते है ! फिर विज्ञापन/ प्रलोभन का तेज झोंका आता है तो वे पीड़ित मृत पत्रकार को ब्लेकमेलर बताते हुए खबरें गढ़ते हैं!

मध्यप्रदेश के गुना में फिर ऐसी कहानी दोहराई गई ! यहाँ एक नेता के खिलाफ गड़बड़ झाला की आवाज बुलंद करने की सजा वहाँ के एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार को जानलेवा हमले के रूप में भुगतना पड़ी ! पत्रकार की इतनी पिटाई की गई की पाँव की हड्डी 18 जगह से टूट गई! डॉ. का मानना है कि यह पत्रकार कभी भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पायेगा

दूसरे दिन घटना के विरोध में सभी पत्रकार कलेक्टर से मिले! तीसरे दिन नेता जी ने पत्रकारों को सेट किया! उसके बाद ज्यादातर अखवारों ने छापा दुनिया का सबसे ज्यादा चोर उनका यानी पत्रकारों का ही साथी था ! नेता जी जैसे संत ने तो हमारे तालाब की यही मछली को मारकर तालाब के साफ करके चोथे स्तम्भ पर उपकार ही किया है! बेचारी पुलिस कह रही है कि हमने आरोपी पकड़ लिए है ! फरियादी का क्या ? वे नेता जी का हाथ होने से मना कर रहे हैं अब हम आरोपी कि बात मानेंगे या फरियादी की ! कहो खूब रही न जब चोर कह रहा मैंने चोरी नहीं कि तो भला फरियादी कि क्या विसात कि वह चोर को पकड़वा सके ! आप कहो तो कहो में नहीं कहता कि चोर चोर मोसेरे भाई इसी को कहते हैं !

Thursday, February 7, 2008

मजदूरी की लूट NDTV India पर

साई इतना दीजिये जामे कुटुंब समाये !
मैं भी भूखा न रहूँ साधू न भूखा जाए!!

भूखो को काम के जरिये स्वाभिमान की रोटी देने के लिए ही शायद भारत सरकार ने रोजगार गारंटी योजना शुरू की लेकिन गरीब रोटी के लिए मजदूरी की जुगत में दिल्ली, मुम्बई जाने कहाँ कहाँ भाग रहा है और अफसर पैसा ठिकाने लगाने के लिए ट्रकों Tractors, जैसी मशीनों से फटाफट काम करके मलाई मार रहे हैं! NDTV पर गुरुवार को मध्यप्रदेश के शिवपुरी में चल रहे इस गोरखधंधे की पोल खोलते हुए "लूट की छूट" नामक शानदार स्टोरी प्रसारित की! जीवितों को काम नहीं और मरे हुए लोगों ने काम भी किया और बैंक खातों से पेमेंट भी निकल रहे हैं! रुबीना खान सापू ने खूब पोल खोली! रिजवान का कैमरा वर्क अच्छा भी था और साहसिक भी !
रुबीना ने ठीक ही कहा- यह तो सिर्फ़ आटे में नमक जैसा था, सच में तो अफसर नेता और ठेकेदारों की तिकड़ी नमक में भी आटा मिलाने को तेयार नहीं हैं !.....राम नाम की लूट है.....लूट सके तो लूट ! लगे रहो !!


Tuesday, February 5, 2008

श्रदांजलि


चर्चित रिपोर्टर अनिल साधक का भोपाल में ५० बर्ष कि अल्प आयु में दिल का दौरा पड़ने से आसमयिक निधन हो गया। चम्बल की मिटटी , मुरेना में जन्मे और वही शब्दों की सजावट की शुरुआत करने वाले साधक लगभग २५ वर्षो से भोपाल में थे । उन्होने सुबिधा की जगह संघर्ष की पत्रकारिता का मार्ग चुना और लक्ष्य में कामयाब भी रहे चम्बल को उनकी याद आयेगी । मध्य प्रदेश को उनकी कमी खलेगी- प्रशंसको को भी और आलोचकों को भी । खबरों के इस सेवक को सादर श्रदांजलि ।

चम्बल का गब्बर सिंह स्टार न्यूज़ पर

और यह शोले का गब्बर अमजद खान तो पूरे देश में जान जाता है लेकिन चम्बल का असली गब्बर सिंह बीते दो सालो से मुरेना के कासिम खेरा गाओं के लोगो पर इस कदर कहर बरपा रहा है कि पूरा गाँव निर्जन हो गया है शोले का गब्बर ठाकुर के हाथ माँगता था चम्बल वाला गब्बर ग्रामीणों के नाक कान काटता है । वह बसंती को नचाता था और यह महिलाओं को ही माँगता है । १५ हजार के इनामी इस डाकू पर स्टार न्यूज़ ने शोले के दृश्य मिलकर अच्छा पैकेज दिखाया । श्री देश दीप सक्सेना की स्क्रिप्ट और गोविन्द का केमरा वर्क जानदार था । चम्बल के लोग डाकुओ की यातनाओं को झेलते भी है और दुर्दांत कथाओ के मजे भी लेते है। सो लोगो ने स्टार न्यूज़ के रिपोर्ट के भी मजे लिए ।